कटा गधा

 कटा गधा



एक बार की बात है शेर को भूख लगी तो उसने लोमड़ी से कहा - मेरे लिए कोई शिकार ढूंढकर लाओ अन्यथा मैं तुम्हें ही खा जाऊँगा...
लोमड़ी एक गधे के पास गई और बोली - मेरे साथ शेर के समीप चलो क्योंकि वो तुम्हें जंगल का राजा बनाना चाहता है...
गधा लोमड़ी के साथ चला गया शेर ने गधे को देखते ही उस पर हमला कर दिया और उसके कान काट लिए लेकिन गधा किसी प्रकार बच कर भागने में सफल रहा।
तब गधे ने लोमड़ी से कहा - तुमने मुझे धोखा दिया शेर ने तो मुझे मारने का प्रयास किया और तुम कह रही थी कि वह मुझे जंगल का राजा बनायेगा...
लोमड़ी ने कहा - मूर्खता भरी बातें मत करो...
शेर ने तुम्हारे कान इसीलिए काट लिए ताकि तुम्हारे सिर पर ताज सुगमता पूर्वक पहनाया जा सके, समझे...
आओ चलो लौट चलें शेर के पास...
गधे को यह बात ठीक लगी, इसलिए वह पुनः लोमड़ी के साथ चला गया...
शेर ने फिर गधे पर हमला किया तथा इस बार उसकी पूँछ काट ली...
गधा फिर लोमड़ी से यह कहकर भाग चला - तुमने मुझसे फिर झूठ कहा, इस बार शेर ने तो मेरी पूँछ भी काट ली...
लोमड़ी ने कहा - शेर ने तो तुम्हारी पूँछ इसलिए काट ली ताकि तुम सिंहासन पर सहजता पूर्वक बैठ सको चलो पुनः उसके पास चलते हैं...
इस प्रकार लोमड़ी ने गधे को फिर से लौटने के लिए मना लिया...
इस बार सिंह गधे को पकड़ने में सफल रहा और उसे मार डाला...
शेर ने लोमड़ी से कहा - जाओ, इसकी चमड़ी उतार कर इसका दिमाग फेफड़ा और हृदय मेरे पास ले आओ और बचा हुआ अंश तुम खा लो...
लोमड़ी ने गधे की चमड़ी निकाली और गधे का दिमाग खा लिया और केवल फेफड़ा तथा हृदय सिंह के पास ले गई सिंह ने गुस्से में आकर पूछा - इसका दिमाग कहाँ गया
लोमड़ी ने जवाब दिया - महाराज इसके पास तो दिमाग था ही नहीं...
यदि इसके पास दिमाग होता तो क्या कान और पूँछ कटने के उपरान्त भी आपके पास यह पुनः वापस आता...
शेर बोला - हाँ, तुम पूर्णतया सत्य बोल रही हो...

यह कहानी हर उस कर्मचारी का है जो गधे की कहानी है ।केंद्र सरकार कर्मचारियों को गधे की तरह एक बार NPS के नाम पर कान काट लिया गया था इस बार UPS के नाम पर पूंछ काटा जा रहा है और अगर अभी भी नहीं चेते तो आने वाले समय में सीधा ही निगल जाएगी और कुछ कर्मचारी संगठन है जो लोमड़ी का काम कर रहे हैं और वह जब कान काटा था तब भी कर्मचारियों को आंदोलन नहीं करने दिए और प्रलोभन दिखाएं की बहुत अच्छा प्रपोजल है और अभी पूछ कट रहा है तब भी यहां पर अभी कुछ चाटुकार संगठन जो है इसके पक्ष में खड़े हुए दिख रहे हैं और इसलिए बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है ।।

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